सीएसआईआर-सीबीआरआई में “एक स्वास्थ्य, एक विश्व” अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी से पहले सम्मेलन-पूर्व कार्यशाला हुई आयोजित।
जापान व भारत के शोधार्थियों ने आपदाओं और स्वास्थ्य चुनौतियों पर रखे विचार

रुड़की। सीएसआईआर–केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर-सीबीआरआई में आगामी चौथी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी “एक स्वास्थ्य, एक विश्व” की तैयारियों के तहत आज सम्मेलन-पूर्व कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। “एक विश्व, अनेक संकट” विषय पर आधारित इस विशेष सत्र में भारत, जापान और अन्य देशों के शोधार्थियों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराते हुए वैश्विक खतरों और समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया।

कार्यक्रम में टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान, सीओईआर विश्वविद्यालय, तथा एसीएसआईआर इंडिया के प्रतिभागियों ने चार्टों पर स्वयं द्वारा बनाई गई चित्रात्मक कलाकृतियों के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। इन कलाकृतियों में भूकंप, भूस्खलन, प्रदूषण, महामारी और हृदय-स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों जैसी आपदाओं को बेहद प्रभावशाली रूप में दर्शाया गया। प्रतिभागियों ने समस्याओं के साथ-साथ उनके संयुक्त प्रभाव और संभावित समाधान भी सुझाए, जिन पर सत्र के दौरान विस्तार से चर्चा की गई।

पोस्टर प्रदर्शन के बाद हुए मौखिक प्रस्तुतिकरण प्रतिभागियों की वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता और शोध दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण रहे।

कार्यशाला के सत्रों की अध्यक्षता और मूल्यांकन डॉ. डी. पी. कानूनगो और डॉ. अजय चौरसिया द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम का सफल समन्वयन डॉ. देबदत्त घोष और डॉ. आर. शिव चिदंबरम ने किया।

यह सम्मेलन-पूर्व कार्यक्रम ज्ञान-साझेदारी का एक प्रभावी मंच साबित हुआ, जिसने अंतरराष्ट्रीय शोधार्थियों के बीच सहयोग को और मजबूत करते हुए “एक स्वास्थ्य, एक विश्व” की व्यापक अवधारणा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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