भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तत्वावधान में आईआईटी रूड़की के सहयोग से टीएचडीसी-आईएचईटी में जल ऊर्जा मित्र कौशल विकास कार्यक्रम शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के तहत पालीटेक्नीक और आईटीआई उत्तीर्ण 30 युवाओं को तीन माह का निशुल्क जल ऊर्जा मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। कि प्रशिक्षण उपरांत युवाओं को प्लेसमेट में भी मुहैया कराया जाएगा। बुधवार को टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भागीरथीपुरम में आयोजित तीन माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। डीएम ने कहा कि ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जिसको ध्यान में रखकर कार्य किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवा बेहतर प्रशिक्षण लेकर ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में भविष्य बनाएं। संस्थान के निदेशक प्रो. एसके प्रधान ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आईआईटी रुड़की के हाइड्रो एवं रिन्यूएबल एनर्जी विभाग की देखरेख में किया जा रहा है। सरकार ने हाइड्रो इंजीनियरिंग संस्थान को प्रशिक्षण के लिए प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर के रूप में नियुक्त किया है। देशभर में 1680 युवाओं को जल ऊर्जा मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसके बाद वे छोटी जलविद्युत परियोजनाओं के संचालन, अनुरक्षण,सुरक्षा और कार्य कुशलता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगे। निदेशक ने कहा कि वर्तमान युग डिजिटल और ग्रीन ट्रांजक्शन का है। जलविद्युत इस दिशा में एक सशक्त ऊर्जा स्रोत है। टीएचडीसी इंडिया के ईडी एलपी जोशी ने कहा कि जलविद्युत संयंत्रों के लिए हमेशा ही कुशल मानव संसाधन की जरूरत होती है। भिलंगना हाइड्रो प्रोजेक्ट के इंचार्ज सुमित परमार ने कहा केंद्र सरकार की यह पहल छोटे जलविद्युत संयंत्रों के लिए दक्ष मानव संसाधन तैयार करने की दिशा मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम समन्वयक व यांत्रिकी विभागाध्यक्ष हिमांशु नौटियाल ने उद्देश्यों,कार्यप्रणाली और इसके संभावित लाभों पर विस्तार से जानकारी दी। बताया कि प्रशिक्षण में शामिल 30 युवक-युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मौके पर प्रशिक्षक ज्योति प्रकाश सेमवाल,मनदीप गुलेरिया,समीर वर्मा आदि मौजूद थे।
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